Visheshan Kise Kahate Hain – विशेषण किसे कहते हैं

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विशेषण किसे कहते हैं

इस पोस्ट में हम Visheshan Kise Kahate Hain – विशेषण किसे कहते हैं, के बारे में जानेंगे। नीचे विशेषण,  विशेषण के भेद (Visheshan Ke Bhed), और विशेषण के उदाहरण (Visheshan Ke Udaahran) के बारे में बताया गया हैं।

Visheshan in Hindi -विशेषण की परिभाषा – हिंदी भाषा में विशेषण – नीचे दिया गया है, जो आपके इग्ज़ैम के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। विशेषण हिन्दी व्याकरण का महत्वपूर्ण भाग है।

हिंदी व्याकरण (विशेषण) से होने वाले लाभ-

  • हम भाषा को शुद्ध लिखना सीखते हैं। व्याकरण पढ़ने से शब्द कोष करोड़ों अरबों का हो जाता है। क्योंकि बहुत सारे शब्द आप स्वयं बना सकते है।
  • व्याकरण पढ़ा हुआ व्यक्ति वेद और सभी शास्त्रों को शुद्ध समझ सकता है। हम भाषा को शुद्ध बोलना सीखते हैं।
  • हम भाषा को शुद्ध बोलना सीखते हैं |
  • शुद्धता के कारण हमारी उस भाषा पर पकड़ मजबूत होती है |
Visheshan Kise Kahate Hain – विशेषण किसे कहते हैं

Visheshan Kise Kahate Hain-विशेषण किसे कहते हैं

विशेषण की परिभाषा

जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं। ये शब्द संज्ञा तथा सर्वनाम के साथ लगकर संज्ञा तथा सर्वनाम की विशेषता बताते हैं।

जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता (गुण, दोष, संख्या, परिमाण, रंग, आकार, दशा आदि) बताएं, उसे विशेषण कहते हैं। जैस- मोटा लड़का,लाल पेन,बुद्धिमान लड़का,पाँच बच्चे,गोल, चौड़ा, दुबला, पतला,काला,दयालु, भारी।

   विशेषण का निर्माण संज्ञा,सर्वनाम,क्रिया तथा अव्यय शब्दों के साथ प्रत्यय जोड़ कर किया जाता हैं। एक तरह की संज्ञा होने के बाद भी विशेषण को अलग शब्द की तरह हिन्दी व्याकरण में पढ़ जाता है।

उदाहरण-

  • राम चलाक लड़का है।
  • सीट सुंदर लड़की है।
  • गाय मीठा दूध देती है।
  • श्याम मेहनती लड़का है।
  • तुम्हारे पास तीन गाय हैं।
विशेषण की पहचान 

किसी भी वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम शब्द के पहले कैसा/कैसी/कैसे तथा कितना/कितनी/कितने शब्दों का प्रयोग करके सवाल करने पर आने वाला जबाब विशेषण होता है।

उदाहरण-

राम चलाक लड़का है, इसमें लड़का एक संज्ञा है इसके आगे कैसा लगाने पर प्रश्न बनेगा। राम कैसा लड़का है, इसका प्राप्त जबाब चलाक है। चलाक विशेषण शब्द हैं। इस तरह हम विशेषण शब्द प्राप्त कर सकतें है। 

उदाहरण-

  • मैं बुरा इंसान हूँ।
  • संगीत मोटी लड़की है।
  • तुम अच्छे छात्र हो।
  • मेरे पास तीन पुस्तकें है।
  • यह स्वादिष्ट भोजन है।
विशेष्य 

जिस संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता बताई जाए विशेष्य कहलाता है। 

या जिस वस्तु/व्यक्ति की विशेषता बताई जाए विशेष्य कहलाता है। संज्ञा या सर्वनाम शब्द ही विशेष्य कहलाते है।

उदाहरण-

  • मोहन एक अच्छा लड़का है।
  • राजा एक ईमानदार डॉक्टर है।
  • राम पढ़ा-लिखा इंसान है।
  • सीट घमंडी लड़की है।
  • मोहन मोटा बच्चा है।
विशेष्य की पहचान 

वह विशेषण शब्द जो जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, वे विशेष्य कहते हैं।

या किसी वाक्य में विशेषण के पहले कैसा/कैसी/कैसे तथा कितना/कितनी/कितने,कौन,क्या   शब्द लगा कर विशेष्य को पहचान सकते हैं।

उदाहरण-

सीता सुंदर है, इसमें सुंदर एक विशेषण है इसके पहले कौन लगाने पर प्रश्न बनेगा। कौन सुंदर है, इसका प्राप्त जबाब सीता है। सीता विशेष्य शब्द हैं। इस तरह हम विशेष्य शब्द प्राप्त कर सकतें है। विशेष्य संज्ञा या सर्वनाम ही होता है।

उदाहरण-

  • पेन लाल है।
  • लड़की अच्छी है।
  • गीत सुंदर है।
  • राम चालक है।
  • तुम अच्छे हो।
  • वह पागल है।
  • सोनिया लेखिका है। 

Visheshan Kise Kahate Hain – विशेषण किसे कहते हैं

हिंदी भाषा में विशेषण के भेद-Hindi mein Visheshan ke Bhed 

विशेषण को तीन प्रकार (रूप) से वर्गीकृत किया जा सकता है-

  • प्रयोग के आधार पर विशेषण के भेद।
  • स्थान के आधार पर विशेषण के भेद।
  • तुलना (अवस्था) के आधार पर विशेषण के भेद। 

अब प्रश्न उठता है की परीक्षा में सिर्फ विशेषण के भेद पूछे जाते है। जब आपसे केवल विशेषण के भेद पूछे जाए तब केवल “प्रयोग के आधार पर विशेषण के भेद को बताना है।”

अगर आपसे विशेषण के वर्गीकरण के साथ प्रश्न पूछे जाए तब आपको तीनों आधार के साथ जबाब देना है।

प्रयोग के आधार पर विशेषण के भेद 
  • गुणवाचक विशेषण
  • संख्या वाचक विशेषण
  • परिमाण वाचक विशेषण
  • सार्वनामिक विशेषण 
गुणवाचक विशेषण 

जो शब्द किसी व्यक्ति या वस्तु के आकार,रंग,दोष,गुण,अवस्था,स्वभाव,स्थिति,दशा,दिशा,स्वाद,स्पर्श,गंध आदि का बोध करते हैं, गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे- मोटा, पतला, अच्छा, बुरा, ईमानदार, लंबा, छोटा, लालची, सुंदर, कोमल, कठोर, कला, लाल, नया, पुराना, साफ, गंदा  आदि।

उदाहरण-

  • राधा सुंदर लड़की है।
  • राजू अच्छा नौकर है।
  • यह पीला फूल है।
  • यह भारी बक्सा है।
  • रमेश ईमानदार व्यक्ति है।
संख्यावाचक विशेषण 

जो विशेषण अपने विशेषयों की निश्चित या अनिश्चित संख्या का बोध करते है वह संख्यावाचक विशेषण कहलाते है। 

संख्यावाचक शब्द का शाब्दिक अर्थ संख्या का बोध कराने वाला होता है।

जिस विशेषण में संज्ञा की संख्या का बोध हो, उसे संख्या वाचक विशेषण कहते है। जैसे- दो, चार, पहला, चौथा, दोहरा, आधा, पाव, बहुत, कुछ आदि।

उदाहरण-

  • श्याम कुछ फल खाया।
  • मेरे पास दो पेन है।
  • चार लड़के घूम रहे है।
  • कल मुझे पाँच रूपीय मिला।
  • कक्षा में कुछ छात्र उपस्थित थे।
संख्यावाचक विशेषण 

संज्ञा या सर्वनाम की संख्या को बताने वाले विशेषण को संख्यावाचक विशेषण कहते है। जैसे- एक, दो, तीन, कुछ, अधिक, ज्यादा आदि।

उदाहरण-

  • मेरे पास दस गाय है।
  • व्यक्ति के पास एक दिमाग होता है।
  • राम ने कुछ किताब खरीदा।
  • तुम अधिक तेज हो।
  • शोहन ज्यादा चलाक है।
संख्यावाचक विशेषण दो प्रकार के होतें है-
  • निश्चित संख्यावाचक विशेषण
  • अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण  
निश्चित संख्यावाचक विशेषण –

किसी भी संज्ञा या सर्वनाम शब्द के संख्या या क्रम को निश्चित रूप से बताते है। इनसे निश्चित संख्या का बोध होता है। निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते है। जैसे- एक,दो,तीन आदि।

उदाहरण-

  • मेरे पास तीन गेंद है।
  • राधा के चार लड़के है।
  • विशाल के घर में दो कमरे है।
  • तुम्हारे पास पाँच किताबें है।
  • सोनाली के पास एक घड़ी है।
निश्चित संख्यावाचक विशेषण पाँच प्रकार के होतें है-
  • गणनावचक विशेषण
  • क्रमवाचक विशेषण
  • आवृत्तिवाचक विशेषण
  • समुदायवाचक विशेषण
  • प्रत्येकवाचक विशेषण 
गणनावचक विशेषण 

यह अपने विशेष्य यानि संज्ञा या सर्वनाम की गिनती बताते है। जैसे- एक,दो,तीन,आधा,सवा,पौना आदि।

उदाहरण-

  • मेरे पास दो गाय है।
  • श्याम के पास तीन किताब थी।

गणनावचक विशेषण दो प्रकार के होतें है।

  • पूर्णांक,अपूर्णांक 

पूर्णांक – यह संज्ञा या सर्वनाम के पूरी संख्या को बताते है। जैसे- एक,दो,तीन आदि।

अपूर्णांक– ये संज्ञा या सर्वनाम की पूरी संख्या को नहीं बल्कि आधी- आधुरी संख्या को बताते है। जैसे-सवा,पौने दो,आधा आदि।

उदाहरण-

  • यह कम दो दिन में होगा।
  • मुझे आधा घंटा लगेगा।
क्रमवाचक विशेषण 

जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम के क्रम को बताता है। उसे क्रमवाचक विशेषण कहते है। जैसे-पहला,दूसरा,प्रथम आदि।

उदाहरण-

  • दीपक का कक्षा में पहला स्थान था।
  • राहुल दौड़ में दूसरे स्थान पर आया।       
आवृत्तिवाचक विशेषण

वह विशेषण जो अपने विशेष्य की इकाई की आवृत्ती को बताए या इकाई को दोहराए, आवृत्तिवाचक विशेषण कहते है। जैसे- दोगुना,तिनगुण आदि।

पहचान– किसी शब्द या संख्या के पीछे गुना या गुनी शब्द मिले तो यह आवृत्तिवाचक विशेषण है।

उदाहरण-

  • इसका तीन गुना कीमत लगेगा।
  • यह कम करने में दो गुना बाल लगेगा।
  • तुम्हारे पास मुझसे दो गुना पैसा है।
  • तुम्हें यह काम तीन गुना तेजी से करना होगा।
  • आपको पढ़ाई में दो गुना मन लगाना पड़ेगा।
समुदायवाचक विशेषण 

जिस विशेषण में संज्ञा या सर्वनाम समूह की संख्या को बताता हो, उसे समुदायवाचक विशेषण कहते है। जैसे-दोनों, तीनों, चारों आदि।

उदाहरण-

  • हम दोनों स्कूल जाते है।
  • राधा तीनों कम एक साथ कर लेती है।
  • तुम चारों बच्चों की देखभाल करना।
प्रत्येकवाचक विशेषण 

यह विशेषण अपने विशेष्य या संज्ञा, सर्वनाम की प्रत्येक इकाई को बताता है, उसे प्रत्येकवाचक विशेषण कहते है। जैसे- हरेक, हर एक, हर दो, हर दूसरा आदि। 

उदाहरण-

  • हरेक छात्र को पढ़ना चाहिए।
  • हर एक बच्चे को चॉकलेट दो।
  • हर एक गरीब को खाना खिलाओ।
  • इनमें से हर दूसरा व्यक्ति अमीर है।
  • यहाँ उपस्थित हर एक लड़का है।
अनिश्चित विशेषण 

किसी भी संज्ञा या सर्वनाम शब्द के संख्या या क्रम को अनिश्चित रूप से बताते है।

इससे अनिश्चित संख्या का बोध होता है। जिस विशेषण शब्द से अनिश्चित संख्या का बोध होता है। अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाता है। जैसे- कुछ,अधिक,ज्यादा,थोड़ा आदि।

उदाहरण-

  • मैं कुछ समय बाद जाऊंगा।
  • स्कूल जाने में मुझे कुछ समय लगता है।
  • यह काम करने में मुझे थोड़ा समय लगता है।
  • राधा ने भिखारी को कई रोटियाँ दी।
  • मुझे थोड़ा काम है।
परिमाणवाचक विशेषण

वह विशेषण जो अपने विशेष्य निश्चित या अनिश्चित मात्रा को बताता हो, उसे परिमाणवाचक विशेषण कहते है। जैसे- दो किलो, 50 ग्राम, कुछ,अधिक, कम आदि।

उदाहरण-

  • मुझे दो किलो आटा चाहिए।
  • तुम्हें अधिक पढ़ाई करनी चाहिए।
  • हमें रोज कुछ व्यायाम करना चाहिए।
  • बच्चों को कम मोबाईल देखना चाहिए।
  • तुम 50 ग्राम चना ले आओ।
परिमाणवाचक विशेषण दो प्रकार के होतें है-
  • निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
  • अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण 
निश्चित परिमाणवाचक विशेषण-

जो विशेषण अपने विशेष्य की निश्चित मात्रा का बोध कराते है, उसे निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते है। जैसे- 50 ग्राम, 100 मीटर, दो किलो आदि।

उदाहरण-

  • श्याम 500 ग्राम चीनी लाया।
  • स्कूल में 100 मीटर रेस की तैयारी हो रही है।
  • मैं 10 किलो चावल खरीद रहा हूँ।
अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण-

जिन विशेषण शब्दों से वस्तु की अनिश्चित मात्रा का बोध हो। उसे अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते है। जैसे- कुछ, अधिक, ज्यादा, कम आदि।

उदाहरण-

  • मुझे कुछ समय चाहिए।
  • आज अधिक वर्षा होगी।
  • कल में थोड़ा पढ़ा था।
  • हमें थोड़ा चलना चाहिए।
  • हमें ज्यादा सोना चाहिए।
परिमाणवाचक और संख्यावाचक विशेषण में अंतर

इन दोनों में ही बहुत कम अंतर है। पहले में संख्या की बात मात्रा को बताने में की जाती है।, और दुसरे में संख्या की बात गिनती के सम्बन्ध में रखती है।

सार्वनामिक विशेषण 

जब कोई सर्वनाम किसी संज्ञा से पहले लग कर उसको निश्चित करता है तथा उसके क्षेत्र को सीमित कर्ता है। तब उस सर्वनाम को सर्वनाम ना कहकर सर्वनामिक विशेषण कहा जाता है। जैसे- मेरी किताब, तुम्हारी घड़ी, कोई लड़का, किसी का घर, वह आदमी आदि।

उदाहरण-

  • मेरी गाय मीठा दूध देती है।
  • वह लड़की मेरे स्कूल में जाती है।
  • तुम्हारी घड़ी अच्छी है।
  • कोई आदमी नाच रहा है।
  • मुझे तुम्हारी किताब चाहिए।

पहचान:- एसे सर्वनाम शब्द जो संज्ञा से पहले लगकर उस संज्ञा की विशेषता बताते है।

  संज्ञा से पहले कौन,किसका,किसकी लगाकर प्रश्न करने से जो उत्तर आएगा वह सर्वनामिक विशेषण है। जैसे- तुम्हारा घर अच्छा है, इसमे किसका लगाने पर प्रश्न बनेगा। किसका घर अच्छा है? तुम्हारा उत्तर आएगा यही सर्वनामिक विशेषण है।

निश्चयवाचक सर्वनाम और सार्वनामिकविशेषण  विशेषण में अंतर
वाक्य में निश्चयवाचक सर्वनाम और सार्वनामिक विशेषण की पहचान के लिए यह ध्यान देना होगा की उसका प्रयोग संज्ञा के स्थान पर हुआ है या संज्ञा के साथ हुआ है। संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाला शब्द निश्चयवाचक सर्वनाम होगा जबकि संज्ञा के साथ प्रयुक्त होने वाले शब्द सार्वनामिक विशेषण होगा।
 

उदाहरण-

  • उसे दिखाओ। (निश्चयवाचक सर्वनाम)
  • उस गरीब को देखो। (सार्वनामिक विशेषण)
  • इसे कल पढेंगे। (निश्चयवाचक सर्वनाम)
  • इस खेल में मजा आएगा। (सार्वनामिक विशेषण)
  • वह सो गयी है। (निश्चयवाचक सर्वनाम)
  • वह गाडी रुक गयी है। (सार्वनामिक विशेषण)
स्थान के आधार पर विशेषण के दो भेद होते हैं-
  • उद्देश्य विशेषण
  • विधेय विशेषण 
उद्देश्य विशेषण 

जो विशेष्य से पहले लगा होता है। उद्देश्य विशेषण कहलाता है। या, वाक्य में जिसके बारे में कुश कहा जाए, वह उद्देश्य विशेषण कहलाता है। इसके अंतर्गत ‘कर्ता’ आता है।

उदाहरण-

  • रीता मीठे सेब खाती है।
  • वह स्वादिष्ट भोजन खाती है।
  • राम बुद्धिमान लड़का है।
  • रानी बहुत सुंदर लड़की है।
  • वह मोटा हाथी है।
विधेय विशेषण 

जिस विशेषण का प्रयोग विशेष्य के बाद किया जाता है, उसे विधेय विशेषण कहा जाता है।

  • गाय मीठा दूध देती है।
  • सोहन अच्छा लड़का है।
  • अंजली सुंदर लड़की है।
  • फल मीठे है।
  • कौशल चालक हो गया है। 
तुलना (अवस्था) के आधार पर-
  • मुलावस्था
  • उत्तरावस्था
  • उत्तमावस्था 
मुलावस्था विशेषण 

जब कोई विशेषण शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने के लिए मूल रूप में ही रहता है। इस विशेषण को मुलावस्था कहते है।

 इसमें विशेषण किसी से किसी की कोई तुलना नहीं करता। मुलावस्था संज्ञा या सर्वनाम की सामान्य स्थिति को बताता है। जैसे- अच्छा,बुरा,लंबा,ईमानदार,बुद्धिमान आदि।

 मुलावस्था से उत्तरावस्था या उत्तमावस्था में परिवर्तन को अवस्था परिवर्तन कहते हैं।

उदाहरण-

  • सुमन अच्छा लड़का है।
  • नेहा बेबाकुफ़ है।
  • कोमल लालची है।
  • राहुल बुद्धिमान है।
  • सरिता काली है।
उत्तरावस्था विशेषण 

वह विशेषण जो दो वस्तु या दो व्यक्ति के बीच तुलना करता है। उसे उत्तरावस्था कहते है। जैसे- से अच्छा, से लालची, से तेज आदि।

उत्तरावस्था वाले कुछ विशेषण में “तर” लगा होता है।

उदाहरण-

  • राजा नेहा से तेज है।
  • कोमल राधिका से कमजोर है।
  • गंगा सोनाली से अच्छा नाचती है।
  • राजू रोहन से अच्छा है।
  • रामू विजय से चालक है।
उत्तमावस्था विशेषण 

ये विशेषण दो से अधिक या सब में से किसी संज्ञा या सर्वनाम शब्द की तुलना कर्ता है। उसे उत्तमावस्था कहते है। उतमावस्था दो से अधिक संज्ञा या सर्वनाम की तुलना किसी एक संज्ञा या सर्वनाम के साथ करता है। जैसे- सबसे अच्छा, दोनों से कम, सबसे खराब आदि।

उत्तमावस्था वाले कुछ विशेषण में “तम” लगा होता है।

उदाहरण-

  • कल्पना सबसे अच्छा नृत्य करती है।
  • गोदान मुंशी प्रेमचंद का श्रेष्ठतम उपन्यास है।
  • गंगा सबसे पवित्र नदी है।
  • राधिका कक्षा की सबसे अच्छी लड़की है।
  • श्याम सबसे बुरा है।
विशेषणों का तुलनात्मक प्रयोग
जब विशेषणों का प्रयोग तुलना करने की दृष्टि से किया जाए, विशेषण की तीन स्थितियां (अवस्थाएं) सामने आती हैं – मूलावस्था, उत्तरावस्था, और उत्तमावस्था।
 
– आप अच्छे हैं।  (मूलावस्था)
– आप उससे अच्छे हैं। (उत्तरावस्था)
– आप सबसे अच्छे हैं। (उत्तमावस्था)
 
पहला शब्द मूलावस्था है, दूसरा उत्तरावस्था और तीसरा उत्तमावस्था
  • अधिक – अधिकतर – अधिकतम
  • वृहत – वृहत्तत्तर – वृहत्त्तम
  • लघु – लघुतर – लघुतम
  • महान – महानतर – महानतम
  • मधुर – मधुरतर – मधुरतम
  • योग्य – योग्यतर – योग्यतम
  • प्रचीन – प्राचीनतर – प्राचीनतम
  • गुरु – गुरुतर – गुरुतम
  • विशाल – विशालतर – विशालतम
  • कटु – कटुतर – कटुतम
प्रविशेषण 

जो विशेषण शब्द विशेषण या क्रियाविशेषण की ही विशेषता बताते है, उन्हें प्रविशेषण कहते है। जैसे- बहुत अच्छा, बहुत लंबा, बहुत खराब, बहुत पतला आदि।

उदाहरण-

  • अजय बहुत अच्छा लड़का है।
  • संगीत बहुत ज्यादा बोलती है।
  • सविता बहुत तेज दौड़ती है।
  • प्रीति बिल्कुल दुबली लड़की है।
  • विजय बहुत मोटा आदमी है।
विशेषण का रूप परिवर्तन

वाक्य में कर्ता और कर्म के लिंग और वचन का प्रभाव विशेषण पर भी पड़ता है। जैसे-

  • मीठा रसगुल्ला – मीठी जलेबी (लिंग का प्रभाव)
  • मीठा रसगुल्ला – मीठे रसगुल्ले (वचन का प्रभाव)

1. आकारांत विशेषण प्रायः पुल्लिंग विशेष्य के एकवचन रूप के साथ प्रयुक्त होता है।

  • नीला आकाश।
  • कला घोड़ा।

2.स्त्रीलिंग विशेष्य के एकवचन या बहुवचन रूप के साथ अकारान्त विशेषण लगाने पर इसका रूप ईकारांत हो जाता है।

  • नीली प्याली।
  • काली बिल्ली।

3. अकारान्त विशेषण जब पुल्लिंग बहुवचन के साथ लगाना हो, तो विशेषण का रूप बदलकर एकारांत हो जाता है।

  • पीले प्याले
  • काले कुत्ते

4.अकारान्त विशेषणों को छोड़ कर अन्य विशेषण शब्दों में लिंग और वचन के अनुसार कोई परिवर्तन नहीं होता है।

  • लाल कुर्सी
  • चालाक बालक

5. कुछ विशेषणों के पुल्लिंग और स्त्रीलिंग रूप अलग अलग होते हैं।

  • विद्वान लेखक – विदुषी लेखिका
  • रूपवान युवक – रूपमती युवती
संज्ञा शब्दों से विशेषण।
  • शहर – शहरी
  • वर्ष – वार्षिक
  • नरमी – नरम
  • उदासी – उदास
  • स्थान – स्थानीय
  • स्वार्थ – स्वार्थी
  • आस्था – आस्थावान
  • पांच – पांचवा
  • सप्ताह – साप्ताहिक
  • घृणा – घृणित
  • ध्यान – ध्यानी
  • स्वाद – स्वादिष्ट
  • धन – धनी
  • चिंता – चिंतित
  • रूप – रुपहला
  • अलंकार – अलंकृत
  • गुण – गुणी
  • रंग – रंगीला
  • अहंकार – अहंकारी
  • रोग – रोगी
  • ज्ञान – ज्ञानी
  • समर्थन – समर्थक
  • समाज – सामाजिक
  • विभाग – विभागीय
  • प्रसन्नता – प्रसन्न
  • उपयोग – उपयोगी
  • स्थान – स्थानीय
  • साहित्य – साहित्यिक
  • मास – मासिक
  • प्राण – प्राणवान
  • हर्ष – हर्षित
  • ग्राम – ग्रामीण
  • शोक – शोकग्रस्त
  • गरमी – गरम
  • नोक – नुकीला
  • स्वाभिमान – स्वाभिमानी
  • बल – बलवान
  • शिक्षा – शिक्षित / शिक्षिक
सर्वनाम शब्दों से विशेषण।
  • हम – हमारा
  • वह – उसका
  • जो – जिनका / जिसका
  • मैं – मेरा
  • वे – उनका
  • तू – तेरा
  • आप – आपका
  • कौन – किसका
  • तुम – तुम्हारा
क्रिया शब्दों से विशेषण।
  • पकना – पका
  • लिखना – लिखित
  • पतन – पतित
  • भागना – भगोड़ा
  • मरना – मरियल
  • दुखना – दुखित
  • थकना – थका
  • उत्थान – उत्थित
  • जड़ना – जड़ित
  • अड़ना – अड़ियल
  • लड़ना – लड़ाकू
  • पढ़ना – पढाकू
  • सूखना – सूखाग्रस्त
  • सड़ना – सड़ियल
  • कहना – कथित
क्रियाविशेषण से विशेषण बनाना।
  • पीछे – पिछला
  • ऊपर – ऊपरी
  • नीचे – निचला
  • बाहर – बाहरी
  • भीतर – भीतरी
  • अंदर – अंदरूनी
विशेषण कितने प्रकार के होते हैं? Examples?

हिंदी में विशेषण 4 प्रकार के होते हैं। :
1.गुणवाचक विशेषण
2.परिमाणवाचक विशेषण
3.संख्यावाचक विशेषण
4.सार्वनामिक विशेषण
example ऊपर दिए गए हैं।

विशेषण क्या है उदाहरण?

जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं। ये शब्द संज्ञा तथा सर्वनाम के साथ लगकर संज्ञा तथा सर्वनाम की विशेषता बताते हैं। जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता (गुण, दोष, संख्या, परिमाण, रंग, आकार, दशा आदि) बताएं, उसे विशेषण कहते हैं। जैस- मोटा लड़का,लाल पेन,बुद्धिमान लड़का,पाँच आदि।

विशेषण का प्रयोग कैसे करें?

विशेषण का प्रोयोग संज्ञा या सर्वनाम के विशेषता बताने के लिए कर सकते हैं। इसका प्रयोग गुण, दोष, संख्या, परिमाण, रंग, आकार, दशा आदि की विशेषता बताने के लिए किए जाते हैं।

मीठा आम में विशेषण क्या है?

इसमें मीठा विशेषण है, क्योंकी आम संज्ञा है ओर इसकी विशेषता मीठा हैं।

सब धन कौनसा विशेषण है?

सब धन परिमाणवाचक विशेषण है।

सुंदर शब्द में कौन सा विशेषण है?

इस वाक्य में सुंदर का विशेषण गुणवाचक विशेषण है।

कबूतर का विशेषण शब्द?

कबूतर एक संज्ञा है अतः इसका विशेषण 4 प्रकार से हो सकता है। जैसे-
मोटा, छोटा, या सुंदर कबूतर है। (गुणवाचक विशेषण)
तीन कबूतर है। (संख्यावाचक विशेषण)
कुछ कबूतर है। (परिमाणवाचक विशेषण)
मेरी कबूतर है। (सार्वनामिक विशेषण)

पेड़ का विशेषण शब्द क्या है?

पेड़ एक संज्ञा है अतः इसका विशेषण 4 प्रकार से हो सकता है। जैसे-
मोटा, छोटा, या सुंदर पेड़ है। (गुणवाचक विशेषण)
तीन पेड़ है। (संख्यावाचक विशेषण)
कुछ पेड़ है। (परिमाणवाचक विशेषण)
यह मेरा पेड़ है। (सार्वनामिक विशेषण)

20 किलो चावल कौन सा विशेषण है?

निश्चित परिणामवाचक विशेषण है।

100 गुणा लंबा में विशेषण कौन सा है?

यह आवृत्तिवाचक विशेषण है।

निष्कर्ष:-

हमें उम्मीद है, की आपको यह ब्लॉग अच्छा लगा होगा। हमारे द्वारा दी गई विशेषण की जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। हमने इसमें विशेषण की परिभाष, विशेषण के भेद, और विशेषण के कुछ उदाहरण आपको बताया हैं। साथ ही विशेषण के सभी टॉपिक को पूरा करने की कोशिश की है। कुछ विशेषण शब्द दिए गए है। जिसकी मदद से आप अच्छे से विशेषण को समझ सकते है।

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